सन्देश
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हमारा विश्वविद्यालय केवल एक शैक्षणिक केंद्र नहीं है, अपितु यह एक ऐसा मंच है जहाँ ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा दिया जाता है। हमारे छात्र हमारे भविष्य के निर्माता हैं, और उन्हें उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देना हमारा परम उद्देश्य है।
हम न केवल छात्रों को शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि उन्हें एक सशक्त नागरिक, तकनीकी कौशल में निपुण, आत्मनिर्भर और नवाचारी बनने की दिशा में भी प्रोत्साहित करते हैं, जो समाज के विकास और मानवता की सेवा में योगदान दे सकें।
शिक्षा, शोध और ज्ञान का प्रसार, एक सशक्त समाज के निर्माण के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। हमारा विश्वविद्यालय इन तीनों क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए पूर्णतः समर्पित है। हम यह मानते हैं कि शिक्षा केवल ज्ञान अर्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा साधन है, जिससे नई खोजों और नवाचारों का मार्ग प्रशस्त होता है। विश्वविद्यालय ज्ञान के क्षितिज का विस्तार करने में निरंतर प्रयासरत है, जिससे तकनीकी रूप से सशक्त और उद्यमशील समाज का निर्माण हो और हमारे विद्यार्थी न केवल नौकरी पाने वाले, बल्कि नौकरी देने वाले बनने की क्षमता विकसित कर सकें।
विश्वविद्यालय में कला, कृषि, प्रबंधन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित पाठ्यक्रम, शोध के नवीन क्षेत्र और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देकर एक ऐसे वातावरण का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ विचार केवल कल्पना तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें वास्तविकता में बदलने का साहस भी हो।
शोध के माध्यम से नवाचार को प्रोत्साहित करना और उसके परिणामस्वरूप उत्पन्न ज्ञान को समाज तक पहुँचाना हमारी प्राथमिकता है। हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी केवल शिक्षार्थी ही न बनें, बल्कि ज्ञान के सृजनकर्ता भी बनें, और साथ ही समाज के अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ पहुँचें।
मैं विश्वविद्यालय परिवार से आग्रह करता हूँ कि विश्वविद्यालय के बोध वाक्य ‘‘ज्ञानं अनन्तम्’’ को यथार्थ रूप देते हुए, तकनीक, नवाचार और उद्यमशीलता के इस महा-अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएँ।अपने विचारों को बड़े लक्ष्यों से जोड़ें और एक ऐसा समाज बनाने में योगदान दें जो आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हो, शिक्षा, शोध और प्रसार के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखे, तथा अपने देश एवं समाज के लिए आदर्श प्रस्तुत करे।
(प्रो. इंद्र प्रसाद त्रिपाठी)